साइबर अपराध के 9 महत्वपूर्ण प्रकार:-
1. हैकिंग (Hacking
2. फिशिंग (Phishing)
3. आइडेंटिटी थेफ्ट (Identity Theft)
4. सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering)
5. डीडीओएस अटैक (DDoS Attack)
6. बॉटनेट (Botnet)
7. साइबर स्टॉकिंग (Cyber Stalking)
8. पोर्नोग्राफी (Pornography)
9. साइबर टेररिज्म (Cyber Terrorism)
अब हम इसे विस्तार से जानेंगे यह साइबर अपराध क्या है और यह कैसे काम करता है
1.हैकिंग (Hacking): यह साइबर अपराध का सबसे प्रसिद्ध और आम प्रकार है जिसमें एक हैकर या साइबर अपराधी अनधिकृत रूप से कंप्यूटर या संगठन के सिस्टम में घुस जाता है और खुद से उस सिस्टम का उपयोग करता है
2.फिशिंग (Phishing): इसमें अपराधी लोगों को वेबसाइट, ईमेल, सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन माध्यम के माध्यम से धोखा देकर उनसे पैसे, व्यक्तिगत जानकारी, या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी चुरा सकते हैं.फिशिंग का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को हेरफेर करना और उनसे उनके डेटा या वित्तीय जानकारी चुराना होता है इस प्रकार फिशिंग एक साइबर हमला है जिसमें धोखाधड़ी वाले ईमेल, वेबसाइट और टेक्स्ट संदेशों का उपयोग करके पीड़ितों को व्यक्तिगत जानकारी और कॉर्पोरेट डेटा देने के लिए राजी किया जाता है।
3.आइडेंटिटी थेफ्ट (Identity Theft): इसमें अपराधी किसी व्यक्ति की पहचान की जानकारी जैसे कि बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, पूर्ण नाम आदि चुराने का प्रयास करता है.पहचान की चोरी के पीड़ितों को आम तौर पर उनकी साख, धन और ख्याति का नुकसान सहन करना पड़ता है। व्यक्ति की पहचान की चोरी के तीन प्रकार सबसे आम हैं वित्तीय, चिकित्सा और ऑनलाइन ।
4.सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering): यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें अपराधी लोगों को भरोसा दिलाकर उनकी जानकारी चुरा लेते हैं.हमलावर खुद को एक विश्वसनीय व्यक्ति या संगठन के रूप में पेश करता है. डर,उत्सुकता या विश्वास की भावनाओं का फायदा उठाते हैं. वे पासवर्ड, व्यक्तिगत विवरण, या अन्य संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं.
5.डीडीओएस अटैक (DDoS Attack): डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विस अटैक इसमें अपराधी ऑनलाइन सेवा को अनुपलब्ध बनाने का प्रयास करता है और साइट पर भारी ट्रैफिक लाकर साइट को डाउन कर देता है.आसान भाषा में DDoS अटैक एक साइबर हमला है जो किसी वेबसाइट, कंप्यूटर या ऑनलाइन सेवा को बंद करने या उसकी सेवा को बाधित करने के लिए डिजाइन किया जाता है। यह कई अलग-अलग कंप्यूटरों (बॉट्स) द्वारा किया जाता है, जो एक साथ एक लक्षित सर्वर पर बहुत सारा ट्रैफ़िक भेजकर उसे ओवरलोड कर देते हैं, जिससे वह वैध उपयोगकर्ताओं के लिए अनुपलब्ध हो जाता है.
6.बॉटनेट (Botnet): यह एक नेटवर्क होता है जिसमें संक्रमित कंप्यूटर्स का इस्तेमाल करके विभिन्न प्रकार के साइबर हमले किए जाते हैं.यह एक तरह का साइबर हमला होता है, जिसमें स्वचालित स्क्रिप्ट या बॉट का इस्तेमाल करके वेबसाइट या सिस्टम को बाधित या नुकसान पहुंचाया जाता है. यह हमला डेटा चुराने, धोखाधड़ी वाली खरीदारी करने, या अन्य दुर्भावनापूर्ण कार्य करने के लिए किया जाता है.
7.साइबर स्टॉकिंग (Cyber Stalking): इसमें पीड़ित को ऑनलाइन संदेशों और मेल्स के माध्यम से परेशान किया जाता है. साइबरस्टॉकिंग किसी व्यक्ति, समूह या संगठन का पीछा करने या उसे परेशान करने के लिए इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का उपयोग है। इसमें झूठे आरोप, मानहानि, बदनामी और मानहानि शामिल हो सकते हैं। इसमें निगरानी, पहचान की चोरी, धमकियाँ, बर्बरता, सेक्स के लिए आग्रह, डॉक्सिंग या ब्लैकमेल भी शामिल हो सकता है। किसी व्यक्ति को जान से मारने, नुकसान पहुंचाने या किसी और तरह से नुकसान पहुंचाने की धमकी देना.किसी व्यक्ति के बारे में झूठी और अपमानजनक बातें फैलाना.किसी व्यक्ति की निजी जानकारी चुराना और उसका उपयोग करना.किसी व्यक्ति को लगातार परेशान करना, जैसे कि अनावश्यक संदेश या कॉल भेजना.किसी व्यक्ति को अवांछित यौन सामग्री भेजना.किसी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक करना और उसकी निजी जानकारी एकत्र करना साइबर स्टाॅकिंग में शामिल है
8.पोर्नोग्राफी (Pornography): पोर्नोग्राफी का अर्थ कामुक व्यवहार (जैसे चित्रों या लेखन में) का चित्रण है जिसका उद्देश्य यौन उत्तेजना पैदा करना है। इसमें अश्लील सामग्री का वितरण और उपयोग शामिल है, जिसमें बाल पोर्नोग्राफी भी आती है.
9.साइबर टेररिज्म (Cyber Terrorism): इसमें आतंकवादी गतिविधियाँ शामिल होती हैं जो इंटरनेट के माध्यम से की जाती हैं.साइबर आतंकवाद एक प्रकार का गंभीर खतरा है जो सरकारों, व्यवसायों और व्यक्तियों को नुकसान पहुँचा सकता है। इन सबसे निपटने के लिए साइबर सुरक्षा उपायों में सुधार करना, साइबर अपराधों के खिलाफ कानून बनाना, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग करना और जनता को जागरूक करना आवश्यक है।
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