मिड डे मील से शिक्षकों की होगी छुट्टी,क्या मिड डे मील में तामिलनाडु मॉडल बिहार लागू करेगा।

मिड डे मील से शिक्षकों की होगी छुट्टी,क्या मिड डे मील में तामिलनाडु मॉडल बिहार लागू करेगा।



तामिलनाडु मॉडल लागू होने के आसार हैं। तामिलनाडु के दौरे से लौटा राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के आठ अधिकारियों का दल वहां की शैक्षिक एवं शैक्षणिक प्रशासनिक व्यवस्था का अध्ययन कर तीन दिन पहले पटना लौटा है। अध्ययन दल जल्द ही अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगा। रिपोर्ट में अध्ययन दल द्वारा की जाने वाली अनुशंसाएं अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री तक जायेंगी। यह अध्ययन दल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के निर्देश पर तामिलनाडु गया था। आठ सदस्यीय दल में प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सज्जन आर., प्राथमिक शिक्षा के उपनिदेशक संजय कुमार चौधरी, कटिहार के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार तथा पश्चिम चंपारण के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) योगेश कुमार भी शामिल थे।


तमिलनाडु में मिड डे मील योजना वहां के समाज कल्याण विभाग द्वारा चलायी जा रही है। उसमें शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है। वहां 1 ली से 10वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए मिड डे मील योजना चल रही है। 1ली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए मिड डे मील योजना केंद्र प्रायोजित है, जबकि 9वीं-10वीं कक्षा के बच्चों के लिए यह योजना वहां की राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही है।


1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री ब्रेकफास्ट योजना भी चलायी जा रही है। वहां स्कूलों की टाइमिंग नौ से चार है, लेकिन मुख्यमंत्री ब्रेकफास्ट योजना वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को आधा घण्टा पहले पहुंचने होते हैं।

तमिलनाडु में शिक्षा विभाग शिक्षकों के अधीन है। 75 प्रतिशत स्कूल के प्रधानाध्यापक ही जिले के डीईओ और बीईओ बनते हैं। तमिलनाडु में संविदा और अस्थायी की जगह शिक्षक से लेकर कुक तक स्थायी नौकरी है। नियुक्ति के बाद 60 वर्ष तक काम करते है। रिटायर के बाद पेंशन का प्रावधान है। ये बातें तमिलनाडु से वापस आई शिक्षा विभाग की टीम की ओर से तैयार किए गए रिपोर्ट में कही गई है। 

 रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु में 1 से 10वीं तक मिड डे मील की व्यवस्था है। इसके साथ ही 1 से 5वीं क्लास तक नाश्ता भी दिया जाता है। आधे घंटे के मिड डे मील के बाद स्पीच प्रैक्टिस के लिए हर दिन 20 मिनट तेज आवाज में बोल करके पढ़ना अनिवार्य है। सभी काम मोबाइल और टैब पर होता है। टीचर और छात्र की उपस्थित, पढ़ाई, प्रश्नों के उत्तर सहित अन्य काम मोबाइल और टैब के माध्यम से किया जाता है। स्कूल से लेकर मुख्यालय तक ऑनलाइन सिस्टम है।

 प्रत्येक वर्ष 4 सेट ड्रेस, सीनियर छात्रों के लिए 2 घंटे का अतिरिक्त वलास प्रत्येक वर्ष हर छात्र को 4 सेट कपड़ा मिलता है। जबकि, सीनियर छात्रों के लिए हर दिन सुबह 8 से 9 और शाम को 4 से 5 बजे अतिरिक्त क्लास चलता है। सुबह-शाम चलने वाला अतिरिक्त क्लास स्कूल के टीचरों की ओर से ही चलाया जाता है।

 स्कूल में मैनेजर स्तर के कर्मचारी को 24 हजार, कुक को 14 हजार और सहायक कुक को 8 हजार रुपए तनख्वाह मिलती है। रिटायर के बाद 1 लाख रुपए एक साथ मिलता है। उसके बाद 2 हजार रुपए प्रति महीने पेंशन दिया जाता है। एक स्कूल में कम से कम तीन स्थायी कर्मचारी काम करते हैं। शहरी क्षेत्रों में स्कूलों की जिम्मेदारी नगर निगम के जिम्मे होती है।

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